Labels
गजल
कबिता
लघुकथा
केहि फरक
कथा
ब्यङ्ग्य
तस्बीर
बालगीत / गीत
शहर चर्चा
नाटक / बालनाटक
Tuesday, April 3, 2012
जीबन
बिहान उठ्छु,
अन्जान जिबन
दिनभरि भौतारिन्छु,
अनिश्चीत यात्रा
साँझको गन्तव्य,
निश्चीत मृत्यु
No comments:
Post a Comment
Thank You very much. Raj
Newer Post
Older Post
Home
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment
Thank You very much. Raj